एक और जान
संँभाल ले एक और जान,
वक़्त मिला है खुद को जान,
ये दिन मत गिन शैतान,
करले खुद से अपनी पेहचान।
कैद तो था तू माँ की कोख मे भी,
ये चार दीवारी क्या चिज़ है,
दुनिया तब भी बुरी थी बहार,
दुनिया...
वक़्त मिला है खुद को जान,
ये दिन मत गिन शैतान,
करले खुद से अपनी पेहचान।
कैद तो था तू माँ की कोख मे भी,
ये चार दीवारी क्या चिज़ है,
दुनिया तब भी बुरी थी बहार,
दुनिया...