तसव्वुर
अब इन आंखों में हम क्यूँ न डूबे ऐ साकी,
हमने इन आंखों में महकती निशा देखी है।।
भले जाहिर न करे लफ्जों से वो बातें मन की,
हमने इनमें खुद के लिए एक कारवां देखी है ।।
उसे पता है कि मैं बस उसका ही हूँ फिर भी, ...
हमने इन आंखों में महकती निशा देखी है।।
भले जाहिर न करे लफ्जों से वो बातें मन की,
हमने इनमें खुद के लिए एक कारवां देखी है ।।
उसे पता है कि मैं बस उसका ही हूँ फिर भी, ...