...

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कदम तेरी ओर
कि बढ़ रहा हूं तेरी ओर,
कदम आगे बढ़ाकर ऐ मंज़िल।
मेहनत कर के में तुझ तक ,
पहुंच जाऊंगा ।
कि चाहत है मुझे ,तुझे पाने की।
तुझ पर हर कतरा लुटा दूंगा।
कि तू मुझे हकीकत में मिले न मिले ऐ मंज़िल,
मैं तुझे अपना मान बैठा हूं,
मैं तुझे अपना मान बैठा हूं।।
© Abhijeet Dwivedi