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नादान मन
#PoetryChallenge
कदम कदम बदलती जिंदगी
हर मोड़ पर रुकती ख्वाहिशें
बेसब्र दिल ओढे है बादलों को
पंख समेट कर उङता है
नजरें बस देखे है पाक इस दुनिया में
ऐसा ही पागल सा हूॅ में
मुस्कुराहट की फिराक में
दीवाना आंवारा सा फिरता हुआ
नादान मन बचपन सा खिलता हुआ।
© Diksha
कदम कदम बदलती जिंदगी
हर मोड़ पर रुकती ख्वाहिशें
बेसब्र दिल ओढे है बादलों को
पंख समेट कर उङता है
नजरें बस देखे है पाक इस दुनिया में
ऐसा ही पागल सा हूॅ में
मुस्कुराहट की फिराक में
दीवाना आंवारा सा फिरता हुआ
नादान मन बचपन सा खिलता हुआ।
© Diksha
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