...

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बीच मझधार ना छोङ जाया करो
बीच मझधार ना छोङ जाया करो
वादा करते हो जो भी निभाया करो ।। 1

हो न बरबाद ये ज़िंदगी इश्क़ में
सोच कर ही क़दम को उठाया करो ।। 2

दर्द सीने का करना हो कम तुमको गर
संग अहबाब के मुस्कुराया करो ।। 3

आए महबूब तेरी गली में अगर
दिल को अपने ज़मीं पर बिछाया करो ।। 4

इससे उससे क्या लेना हमें दोस्तों
राह से पत्थरों को हटाया करो ।। 5

बेतहाशा मुहब्बत के दावे करें
ऐसे लोगों से दूरी बनाया करो ।। 6

बात कर के रक़ीबों की मेरे सनम
यूँ न "ज़ैग़म" को ऐसे जलाया करो ।। 7
© words_of_zaiغम