दूरियां...
दूरियां कुछ इस कदर हैं हमारे दरमियाँ
कि नजदीकियों मे भी अब फासले बंद हैं
है साथ हमारे वो आज भी, पर उनके होने के वो एहसास नम हैं
बातें तो कई हैं कहने को उनसे मगर, उन बातों को बयाँ करने के लिए...
कि नजदीकियों मे भी अब फासले बंद हैं
है साथ हमारे वो आज भी, पर उनके होने के वो एहसास नम हैं
बातें तो कई हैं कहने को उनसे मगर, उन बातों को बयाँ करने के लिए...