...

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क्या कसूर... पुलवामा ?

जिंदगी की यें लड़ाई
कैसी है बतलादें तूं ,
हें खुदा बतलादें तूं
क्या किया हमनें कसूर।।

मां-पिता का था सहारा
भाई-बहना का वो नूर ,
छोड़ दीं थीं सारी खुशियां
हो गया अपनों से दूर।।

थीं लगाईं उम्मीदें, अब
वापसी घर को ही थीं ,...