डूबना ही था,,,,,
बीच समुन्द्र घर बनाया था मैने अपना डूब गया डूबना ही था,,,,,,,,,,,फिर एक नाव मिली छोटी सी डूब कर जाना था पार,,,।नाव मुझे चला रही थी या में नाव को चला रही थी पता करना ही था,,,,, मेंऔर नाव दोनों चल रहे थे कि रात हो गई,,, दूर से एक टापू दिखा मुझे ,,मन किया रात बितादू यहां ये तो अब होना ही था,,,,,टापू भी खुश था पहली बार कोई आया था उससे मिलने,,, रात बड़ी सुहानी थी टापू बड़ा हराभरा था मन किया कि यही बस जाऊ हमेशा के लिए भूल गई थी कि ये भी बीच समुन्द्र ही है मुझे अब उसका ही होना था,,,,,,,। एक दो दिन...