प्रति मोह
आखों से शर्माते हुऐ
चेहरे पर पड़ी मुस्कान का
शिकार होना
न चाहतें हुए भी
आंखे, उसके रंगीन अदाओं को निहारते हुए
उसके प्यार में डूबने कि ख्वाहिशें
किनारे से अपने आप को दूर ले जाने की इच्छा
डूबते हुए
सारी समझदारी का चकना चूर होना
अपने आप को रोक न पाना
ऐसा प्रेमजाल
सिर्फ मोह और अपार भावनाएं
© Din-nisha
चेहरे पर पड़ी मुस्कान का
शिकार होना
न चाहतें हुए भी
आंखे, उसके रंगीन अदाओं को निहारते हुए
उसके प्यार में डूबने कि ख्वाहिशें
किनारे से अपने आप को दूर ले जाने की इच्छा
डूबते हुए
सारी समझदारी का चकना चूर होना
अपने आप को रोक न पाना
ऐसा प्रेमजाल
सिर्फ मोह और अपार भावनाएं
© Din-nisha