ख्वाहिश उसके संग रंग में रंगने की
ख़्वाहिश मेरी भी है
वह अपने गालों से
मेरे गालों पे गुलाल लगाएं
मैं बंद करूं आंखें तो
वो आहिस्ता़ से पास आकर
मेरे माथे को चूम जाए
उसके हर रंग में रंगना है
मैं सोच रही...
वह अपने गालों से
मेरे गालों पे गुलाल लगाएं
मैं बंद करूं आंखें तो
वो आहिस्ता़ से पास आकर
मेरे माथे को चूम जाए
उसके हर रंग में रंगना है
मैं सोच रही...