क्या अदा है उसकी
क्या अदा है उसकी एक एक
करके बताता हूँ सभी
पलकें झपकी है मैंने
पायल पहनकर खवाबों में चली आयी हो जैसे अभी अभी
उसकी मासूमियत का क्या जिक्र करूँ
जैसे कलियों ने जाम छलकाया हो अभी अभी
धड़कन में सरगम सी बजी है
जैसे उसने कगंन खनकया हो अभी अभी
इस कदर समा गई वो मेरी निगाहों में अभी अभी
जहाँ भी देखूँ नज़र आती है वही वही
मंदिर में दीये...
करके बताता हूँ सभी
पलकें झपकी है मैंने
पायल पहनकर खवाबों में चली आयी हो जैसे अभी अभी
उसकी मासूमियत का क्या जिक्र करूँ
जैसे कलियों ने जाम छलकाया हो अभी अभी
धड़कन में सरगम सी बजी है
जैसे उसने कगंन खनकया हो अभी अभी
इस कदर समा गई वो मेरी निगाहों में अभी अभी
जहाँ भी देखूँ नज़र आती है वही वही
मंदिर में दीये...