...

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मेरी ज़िन्दगी हो तुम..
जिंदगी का दूसरा
नाम हो तुम,
या कहूं कि
उगते हुए सूरज की
सुनहरी किरण हो तुम ,
या कहूं कि,
ओस की शबनमी
बूंद हो तुम,
या कहूं कि,
सर्दियों की खिलती
धूप हो तुम ,
जो भी हो मेरी तो ,
जिंदगी हो तुम .....