दरारें रह जाती है..!!
#टूटेअक्स
निहारती रही नज़रे आईने के टूटे टुकड़ों को
गिरकर बिखरा जो था !
कहानी तो ये अंधेरे में थी
पर न जाने क्यूं .?
बिखरे टुकड़ों संग एक बिखरा रूप उभरा था
जानने को बेताब मन, वहां झांक आया
चलते चलते कदम रुके; जब प्रतिबिंब वो खुद का पाया..!
बेतलक हो कोशिशें मैं...
निहारती रही नज़रे आईने के टूटे टुकड़ों को
गिरकर बिखरा जो था !
कहानी तो ये अंधेरे में थी
पर न जाने क्यूं .?
बिखरे टुकड़ों संग एक बिखरा रूप उभरा था
जानने को बेताब मन, वहां झांक आया
चलते चलते कदम रुके; जब प्रतिबिंब वो खुद का पाया..!
बेतलक हो कोशिशें मैं...