...

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मगरूर इश्क का जवाब
तुम्हारे एहसानों का बदला, भला हम कैसे चुका पाएँगे ?
पर इन सिले की शुक्र गुज़ारी, हम जरुर करते रहेंगे ।

तुमसे मिली ज़ख्मों के वजह से तो बने हैं हम इतने शख्त व मजबूत ।
वर्ना जिस बेवफ़ाई के लिए टूटे थे हम, छोड़ा था कहाँ तुमने उसका कोई सबूत ।।

तुम्हारे एहसानों का बदला, भला हम कैसे चुका पाएँगे ?
पर इन सिले की शुक्र गुज़ारी, हम जरुर करते रहेंगे ।

गर तुमसे हामी सुन लिया होता, तो फिर हम काबिल न बन पाए होते ।
क्यूँके तुम जैसी घमंडी… हमें इंसान तो क्या गुलाम बनाकर जरूर छोड़ गए होते ।।

तुम्हारे एहसानों का बदला, भला हम कैसे चुका पाएँगे ?
पर इन सिले की शुक्र गुज़ारी, हम जरुर करते रहेंगे ।

सीने की दर्द...