25 views
" खूबसूरत "
" खूबसूरत "
सुबह-सुबह की रमणीय प्राकृतिक सौंदर्य में ठहरे ओस की बूंदें जैसे तूम..!
दोपहर में सर्दी की गुनगुनी धूप हो तुम..!
शाम को कम्बल की गर्म मुलायम स्पर्श हो तुम..!
निशा में जैसे सेहरा की कभी भी नहीं
बुझने वाले प्यास हो तुम..!
मेरे जीवन में बेहद खूबसूरत एहसास हो तुम..!
🥀 teres@lways 🥀
सुबह-सुबह की रमणीय प्राकृतिक सौंदर्य में ठहरे ओस की बूंदें जैसे तूम..!
दोपहर में सर्दी की गुनगुनी धूप हो तुम..!
शाम को कम्बल की गर्म मुलायम स्पर्श हो तुम..!
निशा में जैसे सेहरा की कभी भी नहीं
बुझने वाले प्यास हो तुम..!
मेरे जीवन में बेहद खूबसूरत एहसास हो तुम..!
🥀 teres@lways 🥀
Related Stories
45 Likes
24
Comments
45 Likes
24
Comments