...

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कोई दबे पाँव ख़्वाबों के आँगन मेंआता है,
कोई दबे पाँव
ख़्वाबों के आँगन में
आता है
मंज़िल का रास्ता बताता है
समझाता है
रुलाता है
तन्हाइयो में लड़ने की
हिम्मत देता है
तो कभी
चुपके से आकर
मुस्कुराता है
कुछ न कहते हुए
सब कुछ कह जाता है
नहीं जानती कौन है
वो रहनुमा
पर
वो अनजाना अनदेखा
एक ख़्वाब सा दिखा जाता है
कोई दबे पाँव
ख़्वाबों के आँगन में
आता है..!❣️