...

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चांद
सफेद चादर ओढ़े चमकता वो रात में,
बाते करता होगा वो तारो के साथ में।

सबकी तन्हाइयो को दूर करने वाला,इतने
घने बादल के पीछे कितना तन्हा होगा चांद।

हस्ते हस्ते किसी की यादों में खोया हुआ,
यादों की आबाद गली में, घूम रहा तन्हा चांद ।

सब तारे दिलासा देते उसको,
देखो रात को चीखता चिलाता बहुत है चांद।

वो राते चांद के साथ गई , वो बाते चांद के साथ गई,
एक आशिक के दिल पर कर गहरा आघात गई ।

इसने भी किया है सच्चा प्यार किसी से, तभी
तो सहरा सहरा भटक रहा है, अपने इश्क में सच्चा चांद ।

मुझे भी देखना है, उस ओढ़े सफेद चादर वाले को,
सब बतलाते है पत्थर का बना हुआ हैं चांद ।।


© Andy 420...........