चांद
सफेद चादर ओढ़े चमकता वो रात में,
बाते करता होगा वो तारो के साथ में।
सबकी तन्हाइयो को दूर करने वाला,इतने
घने बादल के पीछे कितना तन्हा होगा चांद।
हस्ते हस्ते किसी की यादों में खोया हुआ,
यादों की आबाद गली में, घूम रहा तन्हा...
बाते करता होगा वो तारो के साथ में।
सबकी तन्हाइयो को दूर करने वाला,इतने
घने बादल के पीछे कितना तन्हा होगा चांद।
हस्ते हस्ते किसी की यादों में खोया हुआ,
यादों की आबाद गली में, घूम रहा तन्हा...