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कहानियाँ
RAAJ PREEET

PREEET कहाँ खत्म कहानी होती है
मोहब्बत तो रूहानी होती है
शराब के जैसे मिजाज है उसका
उतनी चढती है जितनी पुरानी होती है
दोनो को पिने के बाद ही होता है सुरुर, PREEET
ऐसे लगता है जैसे सारी दुनिया सुहानी होती है
हाँ वो उम्र ही ऐसी थी मेरे दोस्त मोहब्बत की
जैसे छौटे बच्चो से नादानी होती है
वो लडकी भी बदलती ही गई दिन ब दिन
कहती थी कि PREEET आपकी शायरी पढकर हमे बहुत परेशानी होती है
हाँ ठीक ऐसे ही सम्भाला है हमने माँ की याद को
जैसे बन्द अलमारी मे कोई चिज पुरानी होती है
बहुत ही खराब कर जाती है फिर जिन्दगी को
मेरे दोस्त प्यार मे जब बेईमानी होती है
बैसे ही छौड़ दिया जिना जिन्दगी को हमने
ईद पर जैसे कोई कुर्बानी होती है
बन गया फिर शायर PREEET जानकर सब कुछ
बातें मेरे अल्फाजो मे अक्सर अरमानी होती है
नाम तो होना चाहिए किसी लडकी का साथ मे
बातें PREEET मोहब्बत की जब किसी को सुनानी होती है

© आवारा पागल दीवाना