इश्क में भटके हुए
मुझे मिलते है मेरे अपने भी
बनकर मेहमान मिलते है
फुल खुशबू बहार सौगातें
बनकर अहसान मिलते है
एक मैं जो उससे मिलकर
खुद से भी नही मिला
एक वो जो मिलते है तो
हो कर परेशान मिलते है
यारो शेर...
बनकर मेहमान मिलते है
फुल खुशबू बहार सौगातें
बनकर अहसान मिलते है
एक मैं जो उससे मिलकर
खुद से भी नही मिला
एक वो जो मिलते है तो
हो कर परेशान मिलते है
यारो शेर...