एक उम्र गुज़ारी है !!!
वक़्त से वक़्त के लिये हर वक़्त लड़े हैं हम
अपने लिए हर एक फ़ैसले पर अड़े हैं हम
यूँही नहीं बताता रहस्यपूर्ण ये ज़माना हमें
हाँ सचमुच अपनी उम्र से काफ़ी बड़े हैं हम!!
ज़िंदगी चली है किसी रोज़ एक रफ़्तार सी
लगती थी उस रोज़ बेफ़िज़ूल बे-कार सी
जीने का तो जैसे वज़ूद ही ख़त्म हो गया था
अनुभवों के बदले पड़ी...
अपने लिए हर एक फ़ैसले पर अड़े हैं हम
यूँही नहीं बताता रहस्यपूर्ण ये ज़माना हमें
हाँ सचमुच अपनी उम्र से काफ़ी बड़े हैं हम!!
ज़िंदगी चली है किसी रोज़ एक रफ़्तार सी
लगती थी उस रोज़ बेफ़िज़ूल बे-कार सी
जीने का तो जैसे वज़ूद ही ख़त्म हो गया था
अनुभवों के बदले पड़ी...