माँ
मैं ठीक हूँ ये बोल कर,अपना दर्द छुपा लेती हो तुम।
दुख में भी कैसे मुस्करा लेती हो तुम।
मेरे सपनें पूरे करने के लिए,
अपनें अरमानों को सीने में दफ़ना लेती हो तुम।...
दुख में भी कैसे मुस्करा लेती हो तुम।
मेरे सपनें पूरे करने के लिए,
अपनें अरमानों को सीने में दफ़ना लेती हो तुम।...