शहरी जीवन और हम
#शहरजीवनकाव्य
जब मैं पहली बार शहर पहुंचा,
जिंदगी मशीनों के झंकार से झन्न। उठा,
पंछियों के जगने से पहले उठना,
बस की लम्बी कतार में खरे होना,
पाटन...
जब मैं पहली बार शहर पहुंचा,
जिंदगी मशीनों के झंकार से झन्न। उठा,
पंछियों के जगने से पहले उठना,
बस की लम्बी कतार में खरे होना,
पाटन...