प्रकृति का श्रृंगार, धरती का प्यार
🌲🌲
पेड़ों का साया, ज़मीं की खुशबू,
हवाओं में मीठी, सुबह की नमी,
ये प्रकृति का श्रृंगार है अपना,
इसे सहेजना हर किसी का धर्म है सनातन।
🌹🌹
नदियों का बहना, पहाड़ों की ऊँचाई,
पंछी गाते, मीठी सी सुनाई,
ये धरती का है प्राकृतिक सौंदर्य,
इसे बिगाड़े...
पेड़ों का साया, ज़मीं की खुशबू,
हवाओं में मीठी, सुबह की नमी,
ये प्रकृति का श्रृंगार है अपना,
इसे सहेजना हर किसी का धर्म है सनातन।
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नदियों का बहना, पहाड़ों की ऊँचाई,
पंछी गाते, मीठी सी सुनाई,
ये धरती का है प्राकृतिक सौंदर्य,
इसे बिगाड़े...