मूक संवाद
सदा प्रेम की बात नही हो सकती
हमेशा हमसे कोई बात नही हो सकती
आओ कुछ देर स्थिर बैठते है
सदा शब्दो से बात नही हो सकती
वो मौन भी काफी गहरा है
तुम्हारी आँखो में जिसका पहरा है
तुम्हारे मौन को मैं प्रेम समझू
हर घड़ी ये बात नही हो सकती
थोड़ी देर और रात...
हमेशा हमसे कोई बात नही हो सकती
आओ कुछ देर स्थिर बैठते है
सदा शब्दो से बात नही हो सकती
वो मौन भी काफी गहरा है
तुम्हारी आँखो में जिसका पहरा है
तुम्हारे मौन को मैं प्रेम समझू
हर घड़ी ये बात नही हो सकती
थोड़ी देर और रात...