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बांझ औरत का दर्द
       
  ❤️बांझिन औरत का दर्द❤️
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बांझ शब्द ही हमे झकझोरता है
यह रोती चीखती असहाय अबला के दर्द को दर्शाता है।
हम उस देश के वासी जिस देश में गंगा के जल में पवित्रता है।
हम उस देश के वासी जहां सबके लिए एक सामान सूर्य निकलता है
हम उस देश के वासी जहा हिंदू मुस्लिम सब में भाई और बहन सी बंधुता है।
लेकिन दुख तब होता है जब हम बांझिन को समाज अछूत कहता है
चूडी बेच के पेट पालती हूंँ भगवान
सबके ताने सह के दिन काटती हूंँ भगवान
मेरे हाथो से चूड़ी पहन के सब सुहागन पूजा का फल पाती है मांँ
फिर भी सारा समाज हमे अशुभ मनहूश बुलाता है मांँ
अब दुख सहन नही होता है मांँ
जब सब बांझिन बोले तो बहुत दुख होता है मांँ
मै बांझिन हूंँ शायद यही मेरी गलती है
इस मनहूश पापीन की कहा कोई गिनती है
पानी पीने गई कुएं पे से भगाया गया
सत्यानाश हो तेरा, तेरे छूने से कुएं का जल सुख जाएगा ऐसा मुझे बताया गया
मेरी कोख सुनी है शायद यही मेरी गलती है 
कुलछीन भाग यहां से क्यूं यहां बैठी है
पूजा में कभी शामिल न होना...