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बाद जाना
लोगो पर आप का वस नहीं।
ये अनोखे अंदाज को,राज कह कर छुपाते हैं।
फिर भी अपने हुनर को,सर का ताज कह्कर नवाज़े हैं
अपने की मन की मनसा पूरी पर,दूसरों की मदद की आस
ये खुद सपनों में ढल,सांचो को दूसरों के लिये ढ़ाले हैं
ये अपनी क्षीणता को उकसाव कर,शिकस्त को भय से मिलाय है
जाने ये विफल सफल का कार,फिर भी गतकाल को निहारे है
अपने जय की आस,दूसरों सें पाना चाहे हैं
© 🍁frame of mìnd🍁
ये अनोखे अंदाज को,राज कह कर छुपाते हैं।
फिर भी अपने हुनर को,सर का ताज कह्कर नवाज़े हैं
अपने की मन की मनसा पूरी पर,दूसरों की मदद की आस
ये खुद सपनों में ढल,सांचो को दूसरों के लिये ढ़ाले हैं
ये अपनी क्षीणता को उकसाव कर,शिकस्त को भय से मिलाय है
जाने ये विफल सफल का कार,फिर भी गतकाल को निहारे है
अपने जय की आस,दूसरों सें पाना चाहे हैं
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