...

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सुबह-शाम
हर सुबह तूजे लेकर आए
हर शाम तेरी यादें सहेलाए।
रोक नही पाऊँ खुदको
तेरा चहेरा जब सामने झिलमिलाए।
ये साँसो की डोर कमबख्त ठहरती नहीं
वो बन सरगम तेरे गीत गाए।
मैं भूल जाना चाहूँ
वो हरपल तूजे दहोराए।

सौम्यसृष्टि

© Somyashrusti