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कृष्ण समझ के दायरे से बाहर है!
कृष्ण को समझोगे तो चूकोगे, और चूकोगे क्या बुरे चूकोगे, क्योकि कृष्ण समझ में समाहित होने वाले नहीं है, कृष्ण का कोई अपना व्यक्तित्त्व नहीं है, क्योंकि व्यक्तित्त्व उनके होते हैं जिनके कुछ बंधे हुए नियम कायदे होते हैं, कृष्ण किसी कायदे या परिभाषा में फिट होने वाले नहीं है, क्योंकि अगर आम आदमी कृष्ण को समझेगा तो कहेगा एक ओर तो कोमल हाथों से मधुर बंसी बजाते हैं, और दूसरी ओर उन्हीं कोमल हाथों से गर्दन उड़ा देते हैं, आदमी चक्कर में पड़ेगा थोड़ा कृष्ण की इस लीला को देखकर, इसलिए गीता में कृष्ण ने अर्जुन को पहले ही कह दिया कि खोपड़ी लगा ही मत, मैं खोपड़ी में आने वाली चीज नहीं हूँ, ज्यादा जानकर तू क्या करेगा अर्जुन, श्री हरि की यह बात सुनकर अर्जुन बिना देरी किये कृष्ण के चरणों में अपने मस्तक को रख देता है !
#श्रीHari
© ◆Mr Strength