कहानियां हर किसी की
जितने दिल,दिमाग
उतनी ही कहानियां
हर बार रिश्ता वही, कुछ कल्पना, कुछ हिकीकत
उनमें अधूरी ,पूरी फिर कहानियां
सबको पता है, सही, गलत
की जुस्तजू का आखिरी
फशाना
उनमें फिर और बनती,
नई कहानियां
चंद पलों की खुशियों के खातिर,कोई करता है
जमीर को भी सही निर्णय में ना
तोलता है,और फिर
बन जाती है,अजीब कहानियां
© चांद
उतनी ही कहानियां
हर बार रिश्ता वही, कुछ कल्पना, कुछ हिकीकत
उनमें अधूरी ,पूरी फिर कहानियां
सबको पता है, सही, गलत
की जुस्तजू का आखिरी
फशाना
उनमें फिर और बनती,
नई कहानियां
चंद पलों की खुशियों के खातिर,कोई करता है
जमीर को भी सही निर्णय में ना
तोलता है,और फिर
बन जाती है,अजीब कहानियां
© चांद