9 views
मेरे ऐतबार की हद क्या थी...
मेरे ऐतबार की हद क्या थी
वो मेरी कसम खाते गये
जब भी कुछ पूछना चाहा तो
वो बस आँखे झुकाते गये।।
ये सादगी ही थी उनकी
जो दिल में इस कदर उतर गई
कुछ भी नहीं था ऐसा
फिर भी नज़र क्यों उधर गई
मैंने दिल को समझाया बहुत
फिर भी वो याद आते गये
मेरे ऐतबार की हद क्या थी
वो मेरी कसम खाते गये ।।
कभी - कभी लगता है मुझे
जैसे वो मेरे पास ही हो
दूरियाँ भी तौबा कर गई
जैसे ये सुखद एहसास ही हो
आँखों से आँखे मिलाके
वो अपनापन जताते गये
मेरे ऐतबार की हद क्या थी
वो मेरी कसम खाते गये ।।
हर पल एक पहरा सा है
जैसे विश्वास मन का गहरा सा है
अपनी मोहक मुस्कान से वो
मेरी दिल में उतरते गये
जब भी कुछ भी पूछना चाहा तो
वो बस आँखे झुकाते गये
मेरे ऐतबार की हद क्या थी
वो मेरी कसम खाते गये ।।
© highratedmaan
वो मेरी कसम खाते गये
जब भी कुछ पूछना चाहा तो
वो बस आँखे झुकाते गये।।
ये सादगी ही थी उनकी
जो दिल में इस कदर उतर गई
कुछ भी नहीं था ऐसा
फिर भी नज़र क्यों उधर गई
मैंने दिल को समझाया बहुत
फिर भी वो याद आते गये
मेरे ऐतबार की हद क्या थी
वो मेरी कसम खाते गये ।।
कभी - कभी लगता है मुझे
जैसे वो मेरे पास ही हो
दूरियाँ भी तौबा कर गई
जैसे ये सुखद एहसास ही हो
आँखों से आँखे मिलाके
वो अपनापन जताते गये
मेरे ऐतबार की हद क्या थी
वो मेरी कसम खाते गये ।।
हर पल एक पहरा सा है
जैसे विश्वास मन का गहरा सा है
अपनी मोहक मुस्कान से वो
मेरी दिल में उतरते गये
जब भी कुछ भी पूछना चाहा तो
वो बस आँखे झुकाते गये
मेरे ऐतबार की हद क्या थी
वो मेरी कसम खाते गये ।।
© highratedmaan
Related Stories
14 Likes
4
Comments
14 Likes
4
Comments