...

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सादगी
उसकी नज़रों में कुछ ऐसा जादू है,
जैसे कि कोई ढलती हुई शाम बेकाबू है,
उसके चेहरे का नूर देखकर लगता है,
जैसे कि कोई शोना बाबू है,
उसकी सादगी को देखकर ही,
मेरी रुह ने पाया मेरे जिस्म पर काबू है।

© dinesh@M