...

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शादी का बंधन ❤️
जो जुड़ता है रिश्ता सात फ़ेरो से
जो चलता है शादी के बंधन से

दोनों परिवारो की रजा मंदी से बनता है
दोनों परिवारो को रिश्ते में बदलता है

शादी के बंधन में बधने के बाद
होती है इस रिश्ते में प्यार की पहचान

कही धोखा तो कही ईमानदारी है
कही एक निभाता दूसरा धोखे में रखता है

तो कही दोनों तरफ़ से ईमानदारी से निभाता है
तो कही दोनों तरफ़ से धोखे से टूट जाता है

ज़िन्दगी के मोड़ पर चलते चलते
जिम्मेदारियो में दबता जाता है

बच्चो का लालन पालन करना
उनकी जरुयतों को पूरा करना

यह रिश्ता नोक झोंक के साथ आगे बढ़ता जाता है
अब मायने नहीं रखता किसने ईमानदारी या बेईमानी से निभाया है

ज़िन्दगी के साथ यहाँ तक चलकर आया है
इस रिश्ते में बस अब यही मायने रखता है

ज़िन्दगी के आख़िरी पड़ाव पर ज़रूयते बदल गई
अब दुख में साथ निभाने का बक्त आया है

अब मायने नहीं रखता धोखा या विहेव किसी का कैसा था
अब शरीर के धोखा देने का वक्त आया है