वीरान शहर
सृजन 🅰️ अल्फाज़
हो गया ये शहर वीराना यहां आनें से डरते हैं सब
देख कर मका ए खंडहर, दीवारे आहे भरते हैं सब
बीते बचपन की यादों में खो कर जो सिहरते हैं अब
बीत गया एक ज़माना तस्वीरों में देखा करते हैं सब
तंग मैं हूं या हैं ये ज़माना बैठ कर सोचा करते...
हो गया ये शहर वीराना यहां आनें से डरते हैं सब
देख कर मका ए खंडहर, दीवारे आहे भरते हैं सब
बीते बचपन की यादों में खो कर जो सिहरते हैं अब
बीत गया एक ज़माना तस्वीरों में देखा करते हैं सब
तंग मैं हूं या हैं ये ज़माना बैठ कर सोचा करते...