परिंदा
जिंदगी से दूर होकर भी पास हूँ मैं,
हर बीते लम्हें की एहसास हूँ मैं,
बदल दिए हैं मैंने अपने अल्फाज़,
करते हैं आस,ना बचा अब कोई लाज,
पहन कर...
हर बीते लम्हें की एहसास हूँ मैं,
बदल दिए हैं मैंने अपने अल्फाज़,
करते हैं आस,ना बचा अब कोई लाज,
पहन कर...