जागो अब जीवन लो तराश
शीर्षक-जागो !अब जीवन लो तराश |
जागो अब जीवन लो तराश |
नीली धरती से गगन बीच
मंगल जीवन रेखा लो खींच
कलमयुग कलयुग का इतिहास |
जागो !अब जीवन लो तराश |
धरती गगन समूचे जल को,
नाप लिया जीवन के पल को
शिक्षा से है जीवन विकास |
जागो !अब जीवन लो तराश |
न कृपा श्राप वरदान कोई
न स्वर्ग वैतरणी दान कहीं
सच का करोगे कब एहसास ?
जागो ! अब जीवन लो तराश |
करे न विधवा शुभ कार्य शुरू
यह अपमान क्यों स्वीकार करू
कब ...
जागो अब जीवन लो तराश |
नीली धरती से गगन बीच
मंगल जीवन रेखा लो खींच
कलमयुग कलयुग का इतिहास |
जागो !अब जीवन लो तराश |
धरती गगन समूचे जल को,
नाप लिया जीवन के पल को
शिक्षा से है जीवन विकास |
जागो !अब जीवन लो तराश |
न कृपा श्राप वरदान कोई
न स्वर्ग वैतरणी दान कहीं
सच का करोगे कब एहसास ?
जागो ! अब जीवन लो तराश |
करे न विधवा शुभ कार्य शुरू
यह अपमान क्यों स्वीकार करू
कब ...