बरसात में
शफ़्फ़ाफ़ हो गया सारा माहौल बरसात में
दामन के दाग़ मेरे सब धुल गए बरसात में
गिले बाल कांपते बदन ने निचोड़ा आँचल
कुदरत का करिश्मा नज़र आया बरसात में
आग लगाई मेरे आँसुओं ने बरसते पानी में
टूटकर रोया मैं...
दामन के दाग़ मेरे सब धुल गए बरसात में
गिले बाल कांपते बदन ने निचोड़ा आँचल
कुदरत का करिश्मा नज़र आया बरसात में
आग लगाई मेरे आँसुओं ने बरसते पानी में
टूटकर रोया मैं...