कविता:–मां का बलिदान
इक सत्य घटना पर आधारित मेरी स्वरचित कविता
कविता:–मां का बलिदान
आंखों में ममता और चेहरे पर उसके मुस्कान रह गई
वो मां है जो हंसते–2 औलाद की खातिर बलिदान दे गई।
बहते दर्द के पसीने से, लगी औलाद जब सीने से तो,
मानों विदारक–पीड़ा भी आंसुओं में बह गई,
वो मां है जो हंसते–2...
कविता:–मां का बलिदान
आंखों में ममता और चेहरे पर उसके मुस्कान रह गई
वो मां है जो हंसते–2 औलाद की खातिर बलिदान दे गई।
बहते दर्द के पसीने से, लगी औलाद जब सीने से तो,
मानों विदारक–पीड़ा भी आंसुओं में बह गई,
वो मां है जो हंसते–2...