तलब
साकी को है फकत इक जाम की तलब,,
बेकरार दिल को,,थोडी आराम की तलब,,
इस कदर पोशीदा है इश्क उनका,,क्या कहें,,
और हमे है बस,,,उनके ही नाम की तलब,,
कोई दरिया...
बेकरार दिल को,,थोडी आराम की तलब,,
इस कदर पोशीदा है इश्क उनका,,क्या कहें,,
और हमे है बस,,,उनके ही नाम की तलब,,
कोई दरिया...