जैसे पहले थी वैसी मैं!
याद आता है कैसी थी
मासूम और प्यारी मैं!
और थी इन प्यार कि झूठी बातों से अनजान,
फिर उसका आना भी लिखा था राहों में मेरी
जिसने चुरा ली मुझसे...
मासूम और प्यारी मैं!
और थी इन प्यार कि झूठी बातों से अनजान,
फिर उसका आना भी लिखा था राहों में मेरी
जिसने चुरा ली मुझसे...