...

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हिंदुस्तानी


जाती पाती ऊंच-नीच से क्या है हमको लेना
जो मिले प्यार से हमने सीखा प्यार उसी को देना हम तूफानों से टकरा जाते हैं टूटी कश्ती में
राम रहीम और अब्दुल खाना भेद नहीं है चस्ती में मां का प्यार, डांट बाप की सारी उम्र गुजर जाती हैं हिंदुस्तानी होने की पहचान नजर आ जाती है

हम बात नहीं करते हैं मंदिर मस्जिद वालों की
हम बात नहीं करते हैं मधुशाला के प्यालो की
हम बात नहीं करते हैं राजनीति की चालो की
हम बात नहीं करते हैं घोर अंधेरे जालो की
हम बात किया करते हैं मीरा के इक तारे की
हम तो बात किया करते हैं चेतक के टनकारों की
हम तो बात किया करते हैं, राणा के हुंकारों की हम बात किया करते...