दो बांते.....
चुप्पी साधें, बंद होठों की भी,
एक आंधी सी, जुबान होती है......
अनकहे लफ्जो की, कोई कहानी,
कभी नजरों से, बयां हो जाती है.......
कभी कोई शांत से, चेहरे पर एक क्षण,
अंदर के तूफान की, झलक दिख जाती है
कभी खुशी भरे, सच्चे नकाब के पिछे,
बस...
एक आंधी सी, जुबान होती है......
अनकहे लफ्जो की, कोई कहानी,
कभी नजरों से, बयां हो जाती है.......
कभी कोई शांत से, चेहरे पर एक क्षण,
अंदर के तूफान की, झलक दिख जाती है
कभी खुशी भरे, सच्चे नकाब के पिछे,
बस...