...

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ख़त जो भेजे नही

लिखे हैं ख़त कई
जिनको भेजना न था गवारा


दिल के जज़्बातों को
दिल से कागज़ पर है उतारा
लिखा हर हर्फ़ है
उसमें प्यार से भी प्यारा
सम्भल कर लिखा
कोई शब्द न दे गलत इशारा
डर है कहीं तुम
मुझसे कर न लो किनारा
अब बात तो होती है
बेचैनी को देती है सहारा
चाहत की नुमाइश
कोई शब्द न बने हमारा
पाने की चाहत में
खो न दें एहसास तुम्हारा
अनकहे शब्दों से
आँखों का लेकर सहारा
जब होंगे रूबरू
दिल का खोल देंगे पिटारा
मान जाओ अगर
तो चमकेगा मेरा सितारा
न मानो तो क्या
यादों का खज़ाना है हमारा
उन्हीं सुंदर यादों
संग कट जायेगा जीवन सारा

लिखे हैं ख़त कई
जिनको भेजना न था गवारा

© rbdilkibaat