...

22 views

वादा
वादा एक विश्वास है
भले ही क्षणभंगुर हो
डूबते जहाज मैं हम
पापा का वादा हम कुछ नहीं होने देंगे
एक विश्वास था
एक ताकत थी
उम्मीद थी
क्षणभंगुर जिंदगी की नैया की उथल पुथल मैं
एक अरमान था
जिंदगी जीने का
बहते पानी मैं
पत्ते पर सवार पतंगा
पंख फड़फड़ाता कंपकंपाता पतंगा
पत्ते से सहारा कि कुछ नहीं होगा
जैसे मंजिल मिल गई हो
सिर्फ वादा ही तो था
विश्वास ही तो था
हिलता डुलता लहरों के थपेड़े खाता
पलट जाता सीधा हो जाता
एक वादे पर टिकी थी ये यारी
एक अनजान निर्जीव का वादा
पर उम्मीद तो थी कि ये है
वादा भी एक सच्चे प्यार की तरह है
एक बार विश्वास खत्म
तो बेवफा हो जाता है
जिंदगी भर की आस होता है वादा
हम लौट के जरूर आयेंगे
कहकर जाने वाला मुसाफिर
कभी उम्मीद बन जाता है किसी की
रोज सूरज की किरणों के साथ
बस वादे की उम्मीद मैं
उसे देखने झांकती है आंखें
नहीं दिखता कुछ पर उम्मीद है
एक वादे की खातिर
© Abhishek mishra