...

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तृष्णा ही दुःख है
दुख क्या है :-
दुख वही है जो हमारी लालसा है ,
हमारी इच्छा है
हमारी अपेक्षाएं है हमे वो नही मिलती है
उस समय जो अनुभूति हमारे अंदर होती है वही दुख है
हमे दुख तभी नही होगा जब हम खुद की तृष्णा को खत्म कर देंगे ।
भगवान बुद्ध कहते है हमे हमारे तृष्णा को खत्म करने पर ही हम इस संसार के भवसागर से पार हो सकेंगे
तृष्णा ही हमारे दुख का कारण है

© aspirant_mayank