5 views
अकेलापन
अकेलापन जब भाने लगे दिल को
तो महफिलें बेमानी लगती हैं
नयी रंगीनियों से सुन्दर
यादें पुरानी लगती हैं
ज़िन्दगी टुकड़ों में लिखी
अधूरी सी कहानी लगती है
दर्द जैसे अपने से
और खुशियां बेगानी लगती है
नज़दीकियां दैहिक
और दूरियां रुहानी लगती हैं
अकेलापन जब भाने लगे दिल को
तो महफिलें बेमानी लगती हैं
© Garg sahiba
तो महफिलें बेमानी लगती हैं
नयी रंगीनियों से सुन्दर
यादें पुरानी लगती हैं
ज़िन्दगी टुकड़ों में लिखी
अधूरी सी कहानी लगती है
दर्द जैसे अपने से
और खुशियां बेगानी लगती है
नज़दीकियां दैहिक
और दूरियां रुहानी लगती हैं
अकेलापन जब भाने लगे दिल को
तो महफिलें बेमानी लगती हैं
© Garg sahiba
Related Stories
18 Likes
0
Comments
18 Likes
0
Comments