मुफ्तखोरी .......
देश खोखला कर रही,
सबको बना रही हरामखोर
यह मुफ्तखोरी की आदत,
सबको बना रही फरामोश।
बिन मांगे जब मिलना खाना,
कुत्ता भी फिर क्यों दुम हिलाए ?
अपने ही घर में पड़ा रहे,
अपने ही स्वामी को चिढ़ाए।
मुफ्त में जब बिल्ली को मिलता,
चूहे को फिर वो क्यों खाए ?
चाहे मूषक तहस-नहस कर डाले,
बिल्ली...
सबको बना रही हरामखोर
यह मुफ्तखोरी की आदत,
सबको बना रही फरामोश।
बिन मांगे जब मिलना खाना,
कुत्ता भी फिर क्यों दुम हिलाए ?
अपने ही घर में पड़ा रहे,
अपने ही स्वामी को चिढ़ाए।
मुफ्त में जब बिल्ली को मिलता,
चूहे को फिर वो क्यों खाए ?
चाहे मूषक तहस-नहस कर डाले,
बिल्ली...