दास्तान ए जिन्दगी
जोड़ो गाड़ी,बंगला,घर,
जोड़ो जमीन,जायदाद,जेवर,
तुम ही तो हो जानते
कि तुम जी गए अगर,
होकर रहेंगी ये दौलतें बेअसर,
नजारे होंगे,नही रहेगी नजर,
लड़खड़ाएंगे पैर,
घूमोगे कैसे सारा...
जोड़ो जमीन,जायदाद,जेवर,
तुम ही तो हो जानते
कि तुम जी गए अगर,
होकर रहेंगी ये दौलतें बेअसर,
नजारे होंगे,नही रहेगी नजर,
लड़खड़ाएंगे पैर,
घूमोगे कैसे सारा...