...

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ग़ज़ल
कभी थमती नहीं हर पल रवाँ है
नहीं है ज़िंदगी कुछ, बस धुआँ है

तेरे पहलू में गुज़रे उम्र सारी
मेरी ख़्वाहिश अभी भी वो जवाँ है

ख़यालों की है मेरे पास तितली
कभी है वो यहाँ और फिर वहाँ है

"उतर कर देखा है आँखों में तेरी...