दिल में रह गई...
कह न सके जो बातें
दिल में रह गई,
वो अनकही बातों के
बोझ से आँखें थम गई...!!
लफ्ज़ों के बिना जो
समझ न सके,
वो एहसासों की कसक,
बस दिल में दब गई...!!
हर शाम की ठंडी हवा में
वो यादें फिर से सरगोशियाँ करती हैं,
जो कहना था कभी
वो अब...
दिल में रह गई,
वो अनकही बातों के
बोझ से आँखें थम गई...!!
लफ्ज़ों के बिना जो
समझ न सके,
वो एहसासों की कसक,
बस दिल में दब गई...!!
हर शाम की ठंडी हवा में
वो यादें फिर से सरगोशियाँ करती हैं,
जो कहना था कभी
वो अब...