...

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बेटी
बेटी होती है एक अनमोल तारा
जीवन बचा कर उसे पढ़ाना
जब बेटी को पढ़ आओगे
तो देश को आगे बढ़ आओगे
अगर देश को आगे बढ़ाना है
तो बेटियों को आत्मनिर्भर बनाना है
क्या भेदभाव की जंजीरों में जकड़े पड़े हो
क्या पुरानी सोच पर ही आंकड़े पड़े हो
क्यों किसी बेटी की तमन्नाओं को
यूं ही दफना दिया करते हो
चलो आज खुद से एक वादा करते हैं
हम अपने घर की बेटियों को
पढ़ाएंगे और अपने देश को आगे बढ़ाएंगे
यह आत्मनिर्भरता का जमाना है
अब गुलामी नहीं आजादी को अपनाना है
और बेटियों को पढ़ाना है

© Ishamalik